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कविता

बच्चे की खुशी

मिथिलेश श्रीवास्तव


नाउम्मीद न हो जाय बच्चा
अचानक अकेला न हो जाय बच्चा
किसी अनजानी राह न चला जाय बच्चा
दोस्तों के रहम पर न रह जाय बच्चा
दो गुलामों के बीच फँस न जाय बच्चा
गुलामों को चाहिए कि वे एक दूसरे के सामने झुक जाएँ

 


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